|
Photo
|
Courses
B.A. (Art) Subject
हिन्दी, संस्कृत, अग्रेजी, भूगोल, समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र एवं गृहविज्ञान
B.Sc (Science) Subject
भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान,प्राणि विज्ञान एवं गणित
|
Contact Us
एस॰ आर॰ डिग्री कालेज
गजपुर, बांसपार- गोरखपुर
सम्पर्क - 05525-247008, 247089, 09936321163,8355088678,
ई-मेल - srdegreecollege1@gmail.com,
|
|
|
सूर्यनाथ सिंह (संस्थापक)
श्रीमती रमादेवी एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा संचालित एस॰ आर॰ डिग्री कालेज परिवार आपका हार्दिक स्वागत करता है । महाविद्यालय परिवार का प्रत्येक सदस्य एक दूसरे के प्रति स्नेह सौहार्द और आदर का भाव रखता है ।
आप उस संस्था से जुड़ रहे है जिसके पास उपलब्धि, समरसता एव एकरूपता को स्थापित करने की अपनी परम्परा है | एक बार आप इस संस्थान से जुड़ जाते है तो हम आशा करते है कि हमारी परम्परा को सुब्यवस्थित रखते हुए इसे उत्तरोतर विकास के पथ पर अग्रसर करेगे | हमारा सतत एव भागीरथ प्रयास है कि हम संस्था के अपने सुस्थापित मूल्यो के अनुरूप आप को अपने लक्ष्य तक पहूँचा सके एवं संस्कारयुक्त ब्यक्ति बना सके ।
|
आपका मनोबल एवं नैतिक स्तर पर्वतो से भी ऊंचा समुन्द्र से भी गहरा और आकाश से भी विशाल होना चाहिए जिससे कोई भी शक्ति आपकी प्रगति को अवरुद्ध न कर सके ।
मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ है।
|
|
अनिल कुमार सिंह (प्रबन्धक)
किसी महाविद्यालय के लिए उसके लक्ष्यों का निर्धारण और उनका प्रत्यक्षीकरण एक महत्वपूर्ण चुनौती है। वर्तमान युग वैश्वीकरण का युग है,नौकरियों के क्षेत्र जैसे तैसे विकसित हो रहे है । प्रतिस्पर्धाये भी उसी अनुपात में बढ़ती जा रही है । नई पीढ़ी में नैतिक मानव मूल्य राष्ट्रीय तथा लोक संग्रह की भावना एवं आत्मानुशासन का भाव क्षीण होता जा रहा है । विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा तथा नैतिक मूल्यों का सुसंगत समन्वय समाप्त हो रहा है । यह भी सत्य है कि परम्परागत शिक्षा से आज कि चुनौतियों का सामना नहीं हो सकता है । ऐसे समय मे महाविद्यालय अभिभावकों एवं छात्रों कि जिम्मेदारियाँ बढी है
|
उन्हे नयी सोच विकसित करनी होगी । जिनमें परम्परागत शिक्षा के मूल मानवीय आध्यात्मिक तत्यों को जीवन्त रखते हुए आधुनिक , वैज्ञानिक तकनीकी, प्रयोगात्मक एवं नवीन शोधात्मक ज्ञानों की परिपुष्टता हो । यह विद्यालय इन्ही उद्देश्यों से अनुप्राणित संचालन का प्रयास है । शिक्षा के क्षेत्र में यह अनेक बालक बालिकाओं के महाविद्यालय पहले से ही स्थापित है और वर्तमान मे प्रतिवर्ष नये महाविद्यालय भी स्थापित होते जा रहे है । दायित्व बोध से सम्पन्न अभिभावकों को सोच समझकर अपने पाल्यों की शिक्षा हेतु विद्यालय का चयन करना होगा , जहां शिक्षा के उपरोक्त लक्ष्य की पूर्ति संभव हो सके । कैरियर आज चुनौती बन चुका है , जिसका सामना छात्रों के कठोर परिश्रम स्वानुशासन एवं स्वस्थ मानसिक स्थिति में योग्य प्रशिक्षित सुसंस्कारित एवं समर्पित शिक्षक/शिक्षिकाओ की महनीय योग एवं महाविद्यालय के पारिवेश तथा पर्याप्त उपलब्ध संसाधनों से ही प्राप्त किया जा सकता है।
अपनी शौक्षिक सांस्कृतिक गुणवत्तापूर्ण एवं पर्याप्त विकसित संसाधनों के कारण क्षेत्र का विश्वसनीय शिक्षा केंद्र के रूप में यह महाविद्यालय छात्र छात्राओं के सर्वागीण विकास हेतु विविध आयामों के माध्यम से भावी पीढी के सृजन में प्रयास करेगा । जनाकांक्षाओं के अनुरूप यह महाविद्यालय खरा उतर सके यह हमारी प्राथमिकता है इसके लिए अभिभावकों के उपयोगी सुझाव एवं सहयोग अपेक्षित है ।
अगर आपका सबका प्यार दुलार सहयोग एवं आशीर्वाद मिलता रहा तो मेरा वादा है कि आगे आने वाले समय में आपका का पाल्य इसी गजपुर कि धरती से शिक्षा प्रारम्भ करेगा , अंतिम शिक्षा के साथ का मुकाम हासिल कर दूर देशों में क्षेत्र का नाम रोशन करेगा ।
मैं अपने क्षेत्र के सम्मानित प्रबुद्ध बुद्धजीवी एवं शुभचिंतकों के प्रति पूर्ण कृतज्ञ हूँ । जिसके दायित्व पूर्ण संरक्षण एवं सहयोग से यह महाविद्यालय अपने अभीष्ट को पूर्ण करने में सफल होगा । आप सबके आशीर्वाद से शिक्षा के बढ़ते बाजारीकरण एवं महंगाई के युग में भी न्यूनतम व्यय में उत्तमोत्तम शिक्षा प्रदान करने का संकल्प साकार होगा ।
|
|
अजीत कुमार सिंह (उपप्रबन्धक)
“ शिक्षा के अधिकार ” कानून का प्रकाश में आना ही महत्वपूर्ण नहीं है । आवश्यकता है उस दिशा मे कार्य करने की , आधुनिक युग कम्प्युटर युग में सिर्फ प्रत्येक नागरिक को शिक्षित करना ही शिक्षा का आधिकार नहीं है । सिर्फ शिक्षित होना अपने पैरों पर खड़ा होना नहीं कहलाता ।आज के युग में अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए उच्च शिक्षा कि व्यवस्था नितांत ही आवश्यक है जिसकी पूर्ति महाविद्यालयों के माध्यम से की जा सकती है यह सही है कि कितने ही लीग भारत में आज भी अंगूठे का प्रयोग नहीं छोड़े लेकिन यह भी उतना ही सत्य है कि कितने लोग हाथ में कलम होने के बावजूद संसाधनों के अभाव में उच्च शिक्षा से वंचित है।
|
जिसके लिए सरकार समय-समय पर महत्वपूर्ण एवं उचित कदम उठा रही है । आज भी ऐसे बहुत से क्षेत्र है जो अपने विकास कि प्रथम सीदी पर चढे हुए है या चढ रहें है । जिस तरह सागर में टापू होता है उसी तरह जनपद गोरखपुर अंतर्गत गजपुर क्षेत्र सागर में टापू कि कहावत को चरितार्थ कर रहा था । यह क्षेत्र जनपद मुख्यालय से पचासों किमी दूर अत्यन्त ही पिछड़े ग्रामीण अंचल में स्थित है यहाँ से बीसों किमी कि परिधि में महाविद्यालय की बात तो कल्पना है । इण्टर कालेज भी गिने गिनाये है जो क्षेत्र के समस्त छात्र छात्राओ को इण्टर तक केआर शिक्षा देने मे असमर्थ है ।यह क्षेत्र नगरीय प्रभाव से कोषो दूर है और शिक्षा कि उचित व्यवस्था न हो पाने के कारण पिछडे पन का शिकार है । इन्ही क्षेत्र में ऐसे लोग भी है जो उच्च शिक्षा कि ललक लिए अपने बच्चो को शिक्षित करने के अत्यन्त कठिनाइयो का सामना करते हुए नगरों में प्रवास कराते है , बदले में खेत गिरवी रखते है ।
क्षेत्रवासियों के जीवन कि सबसे बड़ी समस्या ,दर्द उच्च शिक्षा के अभाव को समाप्त करने के लिए आप सबके आह्वन पर स्वानामधन्य श्री अनिल कुमार सिंह द्वारा सिंचित श्रीमती रमादेवी एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा एस॰ आर ॰ डिग्री कालेज गजपुर कि नींव के रूप में पहल किया गया , जो आज मूर्तरूप तैयार है कि पैसें के अभाव में कोई छात्र उच्च शिक्षा से वंचित न रह जाय ।
|
|
सुधीर कुमार मिश्र (प्रसाशक/प्रभारी)
महाविद्यालय को बेहतर बनाने के लिए समस्त अभिभावक एवं क्षेत्रीय प्रबुद्ध , बुद्धजीवी एवं शुभचिन्तकों के सुझाव एवं शिकायतों का स्वागत है ।प्राप्त सुझाव एवं शिकायतों पर प्रबन्ध तंत्र बैठक कर निदान करते हुए आपको अवगत करायेगा और आपको आवश्यक सुझाओन पर अमल करने का महाविद्यालय परिवार वचन देता है।
|
|